गाय-बैल नहीं बेचने का ग्रामीणों ने लिया संकल्प

>> Monday, August 16, 2010

गुमला। स्वामी बालक दास त्यागी जी महराज ने शनिवार को लोगों से अपने घरों के गाय बैल की बिक्री नहीं करने का संकल्प कराया। श्री महाराज शनिवार को परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में पहुंचे विश्व मंगल गौ ग्राम यात्रा के स्वागत समारोह में उपस्थित लोगों से यह संकल्प कराया। उन्होंने कहा कि गाय हमारी माता है, माता सिर्फ इसलिए नहीं की वह दूध देती है बल्कि गाय समाज के समृद्धि का प्रतीक भी है। उन्होंने गाय की महिमा का वर्णन करते हुए कहा कि गाय के गोबर से घरों की लिपाई होती है।

सूखे गोबर का प्रयोग जलावन के रूप में किया जाता है। गाय के दूध से शरीर निरोग रहता है। मूत्र और दही औषधि का काम आता है। घी का प्रयोग पूजा और हवन में होता है। यहां तक की उसकी पूंछ पकड़कर लोग वैतरणी पार करते हैं। गाय का बछड़ा खेतों में काम करता है और गाय के मिहनत से उपजे अनाज से मनुष्य जिन्दा रहता है। इसके बावजूद वर्तमान परिवेश में गाय समाज में उपेक्षित है।


लोग बूढ़े गायों को कसाई के हाथों बेचने का काम कर रहे हैं। तस्कर गायों को हांक इसी राह से बंगला देश भेजने का काम कर रहे हैं और गौ माता के भक्त मूक दर्शक बन कर देख रहे हैं। उन्होंने कहा कि एक मां जो छह माह तक दूध पिलाती है उसे जीवन भर मां कहते हो और जो जीवन भर दूध देती है उसे बूढ़ी होते ही कसाई के हाथों बेच देते हो। उन्होंने कहा कि अपने मां बाप जब बूढ़े होते हैं तो उन्हें क्यों नहीं बाजार में बेचते हो। उन्होंने कहा कि आज कृष्ण की भगवान के रूप में पूजा हो रही है तो इसका कारण गाय है। गाय नहीं होती तो कृष्ण की पूजा नहीं होता। उन्होंने कहा कि घर में कभी भैंस और भेड़ के गोबर से लिपाई नहीं होती। लिपाई जब भी होती है तो गाय की गोबर से।


दान गाय की होती है। गाय की महिमा अपरम्पार है। उन्होंने कहा कि गाय समृद्धि का एंटीना है। गाय पालन से लक्ष्मी, शंकर,गोविन्द और शंकर का वास होता है। उन्होंने लोगों से देशी गाय पालने के लिए प्रेरित किया। उन्होंने कहा कि अधिक दूध के लिए लोग आजकल जर्सी गाय का प्रयोग करते हैं। जर्सी गाय के बछड़ा का प्रयोग खेतों में काम करने लायक भी नहीं होता है। इसलिए उसे कत्ल खाना में बेचा जाता है। जिस गाय के माथे में मां बहने तिलक लगाते हैं उस गाय को कत्ल के लिए भेजा जाता है और लोग मूक दर्शक बनकर देखते रहते हैं। उन्होंने कहा कि अन्याय करने वाला से कम दोष अन्याय देखने वाला को नहीं होता है। जर्सी गायों से अधिक दूध के लिए इंजेक्शन और मशीन का प्रयोग होता है। वह भी गो हत्या से कम दोष नहीं है।


उन्होंने कहा कि इस यात्रा के माध्यम से गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने और गो हत्या पर पूर्ण पाबंदी लगाने के मांग को लेकर हस्ताक्षर अभियान चलाया जा रहा है। हस्ताक्षर अभियान का प्रति राष्ट्रपति को सौंपी जायेगी और गो हत्या पर पूर्ण पाबंदी लगाने की मांग की जायेगी। परमवीर अल्बर्ट एक्का स्टेडियम में शनिवार को विश्व मंगल गौ ग्राम रथ यात्रा का भव्य स्वागत किया गया और गाय को राष्ट्रीय पशु का दर्जा देने और गो हत्या पर प्रतिबंध लगाने की मांग से संबंधित 42 हजार छह सौ हस्ताक्षर स्वामी जी महराज को सौंपा गया। इसके पूर्व रथ यात्रा का स्वागत पारम्परिक तरीके से किया गया।


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