राजीव भाई को शत शत नमन
>> Saturday, January 17, 2015
2009 मे राजीव भाई बाबा रामदेव के संपर्क मे आए और
बाबा रामदेव को देश की
गंभीर समस्याओ और उनके समाधानो से परिचित करवाया और
बाबा रामदेव को देश की
गंभीर समस्याओ और उनके समाधानो से परिचित करवाया और
विदेशो मे जमा कालेधन आदि
के विषय मे बताया और उनके साथ मिल कर आंदोलन को आगे बढाने
का फैसला किया !!
आजादी बचाओ के कुछ कार्यकर्ता राजीव भाई के
इस निर्णय से
सहमत नहीं थे !!
फिर भी राजीव भाई ने 5 जनवरी 2009
को भारत स्वाभिमान
आंदोलन की नीव रखी !!
जिसका मुख्य उदेश्य लोगो को अपनी विचार धारा से जोडना,
उनको देश की मुख्य
समस्याओ का कारण और समाधान बताना !! योग और आयुर्वेद से
लोगो को निरोगी बनाना
और भारत स्वाभिमान आंदोलन के साथ जोड कर 2014 मे देश से
अच्छे लोगो को आगे
लाकर एक नई पार्टी का निर्माण करना था जिसका उदेश्य
भारत मे चल रही अँग्रेजी
व्यवस्थाओ को पूर्ण रूप से खत्म करना, विदेशो मे जमा काला धन,
वापिस लाना, गौ
ह्त्या पर पूर्ण रूप से प्रतिबंध लगाना, और एक वाक्य मे कहा जाए ये
आंदोलन
सम्पूर्ण आजादी को लाने के लिए व्यवस्था परिवर्तन के लिए शुरू
किया गया था !!
राजीव भाई के व्याख्यान सुन कर मात्र ढाई महीने मे
6 लाख
कार्यकर्ता पूरे देश
मे प्रत्यक्ष रूप मे इस अंदोलन से जुड गए थे राजीव भाई
पतंजलि मे
भारत
स्वाभिमान के कार्यकर्ताओ के बीच व्याख्यान दिया करते थे
जो पतंजलि योगपीठ के
आस्था चैनल पर के माध्यम से भारत के लोगो तक पहुंचा करते थे
राजीव भाई का कहना था भारत
की सभी राजनीतिक
पार्टियो के पास कुल सदस्यो की
संख्या मात्र 5 करोड़ है यदि हम इससे ज्यादा लोगो को अपने
साथ जोड़ लेते है और
जरूरत पड़ी तो देश के 79 बड़े संतो से समर्थन मांगेगे जिनके साथ
देश
के 45 करोड़
लोग है ! तो हम एक नई पार्टी बनाकर उनको 2014 मे
जीतकर पूर्ण
व्यवस्था
परिवर्तन कर देंगे !
फिर राजीव भाई भारत स्वाभिमान आंदोलन के
प्रतिनिधि बनकर पूरे भारत की यात्रा
पर निकले गाँव-गाँव शहर-शहर जाया करते थे पहले की तरह
व्याख्यान देकर लोगो को
भारत स्वाभिमान से जुडने के लिए प्रेरित करते थे !!
अब ध्यान से पढ़ें !
______________
लगभग आधे भारत की यात्रा करने के बाद राजीव भाई
26 नवंबर
2010 को उडीसा से
छतीसगढ राज्य के एक शहर रायगढ पहुंचे वहाँ उन्होने 2 जन
सभाओ
को आयोजित किया !
इसके पश्चात अगले दिन 27 नवंबर 2010 को जंजगीर जिले मे
दो विशाल जन सभाए की
इसी प्रकार 28 नवंबर बिलासपुर जिले मे व्याख्यान देने से पश्चात
29 नवंबर 2010
को छतीसगढ के दुर्ग जिले मे पहुंचे !
उनके साथ छतीसगढ के राज्य प्रभारी दया सागर और
कुछ अन्य
लोग साथ थे ! दुर्ग
जिले मे उनकी दो विशाल जन सभाए आयोजित
थी पहली जनसभा तहसील बेमतरा मे
सुबह 10
बजे से दोपहर 1 बजे तक थी !राजीव भाई ने विशाल
जन
सभा को आयोजित किया !! इसके
बाद का कार्यक्रम साय 4 बजे दुर्ग मे था !! जिसके लिए वह दोपहर
2 बजे बेमेतरा
तहसील से रवाना हुए !
(इसके बात की घटना विश्वास योग्य नहीं है इसके
बाद
की सारी घटना उस समय
उपस्थित छतीसगढ के प्रभारी दयासागर और कुछ
अन्य
साथियो द्वारा बताई गई है)
उन लोगो का कहना है गाडी मे बैठने के बाद
उनका शरीर
पसीना पसीना हो गया !
दयासागर ने राजीव जी से पूछा तो जवाब
मिला की मुझे
थोडी गैस सीने मे चढ गई है
शोचलाय जाऊँ तो ठीक हो जाऊंगा !
फिर दयासागर तुरंत उनको दुर्ग के अपने आश्रम मे ले गए
वहाँ राजीव
भाई शोचालय
गए और जब कुछ देर बाद बाहर नहीं आए तो दयासागर ने
उनको आवाज दी राजीव भाई ने
दबी दबी आवाज मे कहा गाडी स्टार्ट
करो मैं निकल रहा हूँ ! जब
काफी देर बाद
राजीव भाई बाहर नहीं आए
तो दरवाजा खोला गया राजीव
भाई पसीने से लथपत होकर नीचे
गिरे हुए थे ! उनको बिस्तर पर लिटाया गया और
पानी छिडका गया दयासागर ने उनको
अस्पताल चलने को कहा ! राजीव भाई ने मना कर दिया उन्होने
कहा होमियोपैथी
डॉक्टर को दिखाएंगे !
थोडी देर बाद होमियोपैथी डॉक्टर आकर
उनको दवाइयाँ दी !
फिर भी आराम ना आने पर
उनको भिलाई से सेक्टर 9 मे इस्पात स्वयं अस्पताल मे
भर्ती किया गया ! इस
अस्पताल मे अच्छी सुविधाइए ना होने के कारण उनको ।चवससव
ठैत् मे भर्ती करवाया
गया ! राजीव भाई एलोपेथी चिकित्सा लेने से मना करते
रहे !
उनका संकल्प इतना
मजबूत था कि वो अस्पताल मे भर्ती नहीं होना चाहते
थे !
उनका कहना था कि सारी
जिंदगी एलोपेथी चिकित्सा नहीं ली तो अब
कैसे ले लू ? !
ऐसा कहा जाता है कि इसी
समय बाबा रामदेव ने उनसे फोन पर बात की और
उनको आईसीयु मे
भर्ती होने को कहा !
फिर राजीव भाई 5 डॉक्टरों की टीम के
निरीक्षण मे आईसीयु
भर्ती करवाएगे !! उनकी
अवस्था और भी गंभीर होती गई और
रात्रि एक से दो के बीच
डॉक्टरों ने उन्हे मृत
घोषित किया !!
(बेमेतरा तहसील से रवाना होने के बाद की ये
सारी घटना राज्य
प्रभारी दयासागर
और अन्य अधिकारियों द्वारा बताई गई है अब ये कितनी सच है
या झूठ ये तो उनके
नार्को टेस्ट करने ही पता चलेगा !!)
क्योकि राजीव जी की मृत्यु का कारण दिल
का दौरा बता कर
सब तरफ प्रचारित किया
गया ! 30 नवंबर को उनके मृत शरीर
को पतंजलि लाया गया जहां हजारो की संख्या मे
लोग उनके अंतिम दर्शन के लिए पहुंचे ! और 1 दिसंबर राजीव
जी का दाह संस्कार
कनखल हरिद्वार मे किया गया !!
राजीव भाई के चाहने वालों का कहना है कि अंतिम समय मे
राजीव जी का चेहरा पूरा
हल्का नीला, काला पड गया था ! उनके चाहने वालों ने बार-बार
उनका पोस्टमार्टम
करवाने का आग्रह किया लेकिन पोस्टमार्ट्म
नहीं करवाया गया !! राजीव भाई की मौत
लगभग भारत के प्रधानमंत्री लाल बहादुर
शास्त्री जी की मौत से
मिलती जुलती है
आप सबको याद होगा ताशकंद से जब
शास्त्री जी का मृत शरीर
लाया गया था तो उनके
भी चेहरे का रंग नीला, काला पड गया था !! और
अन्य
लोगो की तरह राजीव भाई भी ये
मानते थे कि शास्त्री जी को विष दिया गया था !!
राजीव
भाई और शास्त्री जी की
मृत्यु मे एक जो समानता है कि दोनों का पोस्टमार्टम नहीं हुआ
था !!
राजीव भाई की मृत्यु से जुडे कुछ सवाल !!
1) किसके आदेश पर ये प्रचारित किया गया ? कि राजीव भाई
की मृत्यु दिल का दौरा
पडने से हुयी है ?
2) 29 नवंबर दोपहर 2 बजे बेमेतरा से निकलने के पश्चात जब
उनको गैस की समस्या
हुए और रात 2 बजे जब उनको मृत घोषित किया गया इसके बीच
मे
पूरे 12 घंटे का समय
था
3)12 घंटे मे मात्र एक गैस की समस्या का समाधान
नहीं हो पाया ??
आखिर पोस्ट मार्टम करवाने मे क्या तकलीफ थी ??
4) राजीव भाई का फोन जो हमेशा आन रहता था उस 2 बजे बाद
बंद क्यों था ??
5) राजीव भाई के पास एक थैला रहता था जिसमे
वो हमेशा आयुर्वेदिक, होमियोपैथी
दवाएं रखते थे वो थैला खाली क्यों था ??
6) 30 नवंबर को जब उनको पतंजलि योगपीठ मे अंतिम दर्शन
के
लिए रखा गया था उनके
मुंह और नाक से क्या टपक रहा था उनके सिर को माथे से लेकर
पीछे
तक काले रंग के
पालिथीन से क्यूँ ढका था ?
7) राजीव भाई की अंतिम विडियो जो आस्था चैनल पर
दिखाई
गई तो उसको एडिट कर
चेहरे का रंग सफेद कर क्यों दिखाया गया ?? अगर किसी के मन
को चोर नहीं था तो
विडियो एडिट करने की क्या जरूरत थी ??
8) अंत पोस्टमार्टम ना होने के कारण उनकी मृत्यु आजतक
एक रहस्य
ही बन कर रह गई
!!
9) राजीव भाई की मृत्यु के बाद पतंजलि से जुड़े एक
बहुत बड़े सदस्य
को इंग्लैंड
ने सम्मानित किया था ! ( खैर आप सब जानते है ये विदेशी लोग
बिना अपने हित के
किसी को आवर्ड नहीं देते )
राजीव भाई के कई समर्थक उनके जाने के बाद बाबा रामदेव से
काफी खफा है क्योंकि
बाबा रामदेव अपने एक व्याख्यान मे कहा कि राजीव भाई
को हार्ट ब्लोकेज था, शुगर
की समस्या थी, बी.पी.
भी था राजीव भाई पतंजलि योगपीठ
की बनी दवा मधुनाशनी खाते
थे !
जबकि राजीव भाई खुद अपने एक व्याख्यान मे बता रहे हैं
कि उनका शुगर, बीपी,
कोलेस्ट्रोल सब नार्मल है !! वे पिछले 20 साल से डॉक्टर के पास
नहीं गए ! और
अगले 15 साल तक जाने की संभावना नहीं !! और
राजीव भाई के
चाहने वालो का कहना
है कि हम कुछ देर के लिए राजीव भाई की मृत्यु पर
प्रश्न
नहीं उठाते लेकिन हमको
एक बात समझ
नहीं आती कि पतंजलि योगपीठ वालों ने
राजीव
भाई की मृत्यु के बाद
उनको तिरस्कृत करना क्यों शुरू कर दिया ??
मंचो के पीछे उनकी फोटो क्यों नहीं लगाई
जाती ??
आस्था चैनल पर उनके व्याख्यान दिखने क्यों बंद कर दिये गए ??
कभी साल अगर उनकी पुण्यतिथि पर व्याख्यान
दिखाये
भी जाते है तो वो भी 2-3 घंटे
के व्याख्यान को काट काट कर एक घंटे का बनाकर
दिखा दिया जाता है !!
इसके अतिरिक्त उनके कुछ समर्थक कहते हैं कि भारत स्वाभिमान
आंदोलन की स्थापना
जिस उदेश्य के लिए हुए थी राजीव भाई
की मृत्यु के बाबा रामदेव
उस राह हट क्यों
गए ? राजीव भाई और बाबा खुद कहते थे कि सब
राजनीतिक
पार्टियां एक जैसी है हम
2014 मे अच्छे लोगो को आगे लाकर एक नया राजनीतिक विकल्प
देंगे !
लेकिन राजीव भाई की मृत्यु के बाद बाबा रामदेव ने
भारत
स्वाभिमान के आंदोलन की
दिशा बदल दी और राजीव की सोच के
विरुद्ध उन्हे
भाजपा सरकार का समर्थन किया !
और आज परिणाम आपके सामने है 5 महीने हो गए है
मोदी सरकार
को बने हुए !
दूसरे मुद्दो का छोड़ो गौ ह्त्या तक बंद नहीं हुई ! 3 हजार 527
करोड़ की सबसिडी
दी कत्लखानो को दी है !!
सभी अँग्रेजी व्यवस्था वैसे
की वैसी चल रही है !
मोदी सरकार मनमोहन सरकार से 10 कदम आगे जाकर
विदेशी कंपनियो को भारत मे बुला
रही है जिसके राजीव भाई कड़े
विरोधी थी !
राजीव भाई के समर्थको का कहना है की काश
बाबा रामदेव ने
जितना प्रचार
भाजपा-मोदी का किया उसका 20%
भी राजीव भाई
का किया होता आज उनके साथ 5 करोड़
लोगो की फोज होती जो ये
पूरी व्यवस्था बदल डालती !! लेकिन
अफसोस ऐसा नहीं हो
पाया
और हमारे हाथ फिर से 5 साल के लिए बंध गए !!
इसलिए बहुत से राजीव भाई के चाहने वाले भारत स्वाभिमान से
हट कर अपने अपने
स्तर पर राजीव भाई का प्रचार करने मे लगे हैं !!
राजीव भाई ने अपने पूरे जीवन मे देश भर मे घूम
घूम कर 5000 से
ज्यादा
व्याख्यान दिये !सन 2005 तक वह भारत के पूर्व से पश्चिम उत्तर से
दक्षिण चार
बार भ्रमण कर चुके थे !! उन्होने
विदेशी कंपनियो की नाक मे दम
कर रखा था !
भारत के किसी भी मीडिया चैनल ने
उनको दिखाने का साहस
नहीं किया !! क्योकि वह
देश से जुडे ऐसे मुद्दो पर बात करते थे की एक बार लोग सुन ले
तो देश
मे 1857
से बडी क्रांति हो जाती !
वह ऐसे ओजस्वी वक्ता थे
जिनकी वाणी पर
माँ सरस्वती साक्षात निवास करती थी।
जब
वे बोलते थे तो स्रोता घण्टों मन्त्र-मुग्ध होकर उनको सुना करते थे !
30 नवम्बर 1967 को जन्मे और 30 नवंबर 2010
को ही संसार छोडने
वाले ज्ञान के
महासागर श्री राजीव दीक्षित
जी आज केवल आवाज के रूप मे हम
सबके बीच जीवित है
उनके जाने के बाद भी उनकी आवाज आज देश के
लाखो करोडो लोगो का मार्गदर्शन कर
रही है और भारत को भारत की मान्यताओं के आधार
पर खडा करने
आखिरी उम्मीद बनी
हुई है !
राजीव भाई को शत शत नमन !!
3 comments:
Kya ab koi enquiry nahi ho sakati? taki tathya ujagar ho...
pl. send a reply.
होएगी मित्र हम प्रयासरत हैं हमारा सन्गठन इस षड्यंत्रकारी हत्या के विरुद्ध अपनी आवाज उठा रहें हैं पढ़िए.
🙏🏻🙏🏻आप चाहते हैं हत्यारों को सजा हो?🙏🏻🙏🏻 हत्या वह चाहे महात्मा राजीव दीक्षित की हो या किसी साधारण गरीब मजदूर किसान की, वह हत्या है और हमें उसकी उतनी ही पीड़ा होनी चाहिए जितनी अपने किसी परिजन की हत्या पर होती है। राजीव भाई की हत्या 30 नवम्बर 2010 को छत्तीसगढ़ में उन शक्तियों द्वारा कर दी गई जिनके चेहरे पर राष्ट्रवाद का मुखौटा लगा हुआ है। राजीव भाई के अपने परिजन ही क्या उनके वह करोड़ों समर्थक भी मौन हो गए जो राजीव भाई को एक क्रांतिकारी व्यक्तित्व मानते थे। राजीव भाई की हत्या कोई साधारण हत्या नहीं थी। यह एक ऐसे व्यक्ति की हत्या थी जो पाखण्ड, भृष्टाचार, कालेधन और शोषणकारी व्यवस्था के खिलाफ लड़ रहा था। व्यवस्था परिवर्तन के लिए जब जब कोई लड़ा है उसकी हत्या हुई है या उसे जेल के सींखचों में अपना जीवन गुजारना पड़ा है। क्रन्तिकारी व्यक्तित्वों की हत्या होना सदियों पुरानी परम्परा है। यही व्यवस्था है हमारे देश और दुनिया की। ईमानदार सत्याग्रही नेतृत्व को उभरने मत दो। हत्या करो चाहे जेल भेजो या अपमानित करो, किन्तु किसी भी मूल्य पर क्रान्ति को रोको। व्यवस्था यही चाहती है, यही करती है। माफिया उन्मूलन समिति भी व्यवस्था परिवर्तन के लिए संघर्ष कर रही है। हमारे संघर्ष का केंद्र बिंदु आज महात्मा राजीव दीक्षित की सुनियोजित हत्या का राज खोलना है। हम सब जानते हैं राजीव भाई की हत्या रामदेव गैंग ने कराई है। हमारे सामने एक हत्यारा खुला घूम रहा है, जिसे जेल में होना चाहिए था वह सरकारी सुरक्षा कवच से सुसज्जित होकर सत्य और न्याय को चुनौती दे रहा है। उसकी चुनौती हमें या तो स्वीकार करनी चाहिए या उसका अनुगामी बनकर उसकी पगधूलि मस्तक पर लगाकर उसका गुणगान करना चाहिए। यही दो विकल्प हैं हमारे सामने। हमने पहला विकल्प चुना है। हम जानते हैं रामदेव बहुत शक्तिसम्पन्न व्यक्ति है। उसे सत्ता और समाज का संरक्षण प्राप्त है। आज वह राजगुरु के पद पर बैठा है। उसकी ओर ऊँगली उठाने का अर्थ है सत्ता को चुनौती देना। सत्य और न्याय को जो लोग सर्वोपरि मानते हैं वह सदैव सत्ता को चुनौती देते रहे हैं इसीलिए वह हमेशा सत्ता की आँख की किरकिरी बने रहे हैं। सत्ता हमारा वध करा सकती है, कोई भी झूठा आरोप लगाकर हमें जेल में बंद करा सकती है, समाज पर काबिज रामदेव के चेले हमें कदम कदम पर अपमानित कर सकते हैं। यह तमाम विरोध और दंड हमें सहर्ष स्वीकार करने ही होंगे यदि हम चाहते हैं कि राजीव भाई के हत्यारों को सजा हो तो।।।। राजीव भाई के कातिलों को सजा दिलाने में हम कामयाब हो गए तो समझ लो व्यवस्था परिवर्तन युग का प्रारम्भ हो जाएगा। जिस दिन रामदेव गैंग जेल जाएगा उसी दिन भारत में एक असली क्रान्ति का श्रीगणेश हो जाएगा। राजीव भाई के हत्यारे कोई सड़कछाप जेबकतरे नहीं हैं जो उन्हें हम इतनी आसानी से कैद करवा देंगे। यह हत्यारे पूरी व्यवस्था पर काबिज हैं। हमें पूरी व्यवस्था से टकराना होगा। यदि देशभक्त व्यवस्था से टकराने और व्यवस्थागत अत्याचार सहने के लिए तैयार हैं तो निश्चित रूप से जीत हमारी होगी और व्यवस्था को पराजित होना पडेगा। हमें कम से कम कष्ट झेलने पड़ें और कामयाबी जल्दी मिल जाए इसके लिए अपने आंदोलन का विस्तार करना होगा। हर राज्य हर शहर हर गाँव में हमारे साथी होने चाहिए जो आंदोलन की बागडोर संभालें। यह साथी कैसे होने चाहिए हमें इसका विशेष ध्यान रखना होगा। कोई धर्मांध, जात्याभिमानी, घूसखोर, जमाखोर, मुनाफाखोर, धनपशु और पक्ष विपक्ष में बैठा नेता हमारा साथी कभी नहीं हो सकता। हमें साधारण किसान, मजदूर, शिल्पकार, छात्र, ईमानदार प्रफेशनल्स, लघु व्यवसाई और उन बेरोजगार व्यक्तियों को अपने साथ जोड़ना होगा जो व्यवस्थागत अत्याचारों से दुखी और पीड़ित हैं। राष्ट्रभक्ति उन्ही मनुष्यों में पैदा होती है जो मेहनतकश होते हैं और अपना काम ईमानदारी से करते हैं। जिन्हें वोट, पद, पैसा, सम्मान और वैभव की भूख होती है वह कभी राष्ट्रभक्त नहीं होते। हमें सच्चे राष्ट्रभक्तों को एकजुट करना होगा तभी हम महात्मा राजीव दीक्षित के कातिलों को सजा दिलाकर अपने देश में व्यवस्था परिवर्तन कर पाएंगे।।।। तो आओ साथियो चलो साथियो भारत नया बनाएं और जो सदियों से कुचले गए हैं उनको न्याय दिलाएं।। जो भी साथी हमारी बात से सहमत हों वह हमारे आंदोलन से जुड़ें और अपना परिचय एवं संपर्क पता, नंबर हमें यथाशीघ्र भेजें। निवेदक, मदन लाल आजाद, संस्थापक, माफिया उन्मूलन समिति,माउस, व्हाट्सप्प 9015360208, मोबाईल 8470010385, ई मेल, mausindia@gmail.com
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