BHARAT BHADRA's Views and Please Answer of His Question
>> Monday, January 3, 2011
Recently, I received comment from Bharat Bhadra in which he wrote his views and asked question from you. If you have answer, then please write in comment.
We got a shock, when we heard SHRI RAJIVBHAI DIXIT no more on 29th nov 2010 thorough our azadi bachao andolans activist in mumbai. next morning 30/11/2010 we catch early morning flight for reach to BABA RAMDEV's patanjali aashram at haridwar, which late shri rajiv bhai's dead body keep in hall. we reach sharp 10.30 to 11 p.m. and seen SHRI RAJIVBHAI's face colour is in black and green..... read his full comment at here.
3 comments:
मैं भारत जी के प्रश्न का उत्तर देने में तो समर्थ नहीं हूँ पर उनके प्रश्न में एक बात और जोड़ना चाहता हूँ की राजीव जी की मृत्यु की खबर पर रामदेव बाबा सार्वजनिक रूप से इतने उदासीन क्यों हैं ? राजीव जी की मृत्यु पूरी तरह से संदिग्ध है तथा इस दुखद खबर पर मीडिया का घोर नकारात्मक रवैया इस बात को और भी पुख्ता करता है की राजीव जी की मृत्यु एक स्वाभाविक मृत्यु नहीं है बल्कि इसके पीछे एक गहरी साज़िश है, ऐसी स्थिति में अपनी बातों से सदा चर्चित रहने वाले रामदेव बाबा चुप्पी क्यों साधे हुए हैं, एक आम व्यक्ति की स्वाभाविक मृत्यु होती है तो भी उसके परिजन दूसरों पर आरोप लगा देते हैं, लेकिन इतने बड़े देशभक्त की संदिग्ध मृत्यु पर उनके गुरु चुप्पी साधे हुए हैं | रामदेव जी का यह रवैया निश्चित ही निराशाजनक है |
माफ करना में न तो की सरकारी बाबू हूँ और ना ही कोई विशिष्ट व्यक्ति में भारत स्वाभिमान आन्दोलन का प्रशसक और राजिव भाई को दिल से चाहने वाला एक साधारण भारतीय हूँ ! इसिलिय में इस राय पर कमेन्ट करना अपना अधिकार समजता हूँ और वो में लिख रहा हूँ,
मेरे मन में हमेशा एक बात मुझे कचोट रही है की जब की एक साधारण से साधारण इंसान की भी मौत होती है तो उसका पोस्ट्मार्टम जरूर होता है परन्तु राजीब भाई कोई किसी एक के निजी सम्पति नहीं थे वो तो पूरे भारत के चाहने वालों की सार्वजनिक संपत्ति थे इसीलिए उनकी इस घटना का निर्णय कुछ चंद लोगों ने कैसे कर लिया और उनका अंतिम संस्कार कर दिया, ओर दूसरी बात ये सारे मीडिया वाले कहाँ सो रहे थे जिन्होंने इस पर कोई टिपण्णी नहीं की आखिर क्यूँ? और परम पुजिनीय बाबा रामदेव जी भी चुप्पी साधे हुए हैं ऐसा क्या है जो बाबा रामदेव जी शेर की तरह दहाडने वाले मुंह ही नहीं खोल पा रहे हैं कोण सा ऐसा बड़ा शेर आ गया है इनके आगे ,
राम ही जाने की हमें कितने और भगत सिंह की ऐसे ही शहादते सहन करनी पड़ेंगी आने वाले कल तक......
सिर्फ १० लोगों के ही नहीं यहाँ हर देश भगत जीनोने ऑनलाइन पोल में भाग लिया चीक चीक के यही प्रश्न कर रहे है कि राजीव दीक्षित का पोस्ट मार्टम न करा कर विश्व के १,००,००,००० लोगों की भावनाओं के साथ खिलवाड़ किया गया है जिस का जवाब कभी न कभी देना ही होगा |
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