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>> Saturday, July 24, 2010

Problem

Namastey Shri Vinodkumarji,


JayHind.



Myself Dhananjay Shukla from Gujarat. From my childhood I read somuch books on our great KRANTIVEERS. And my ideal is Veer Azaad Chandrasekhar. So I dont want to wast my life because i knew that in this time we need other Chandrasekhar and Bhagatshinh.


When I knew about the Andolan of "Azaadi Bachao" and Shri Rajiv Dixit I got my way. Now I just want to Rastra Seva And RASTRA SWABHIMAN. Now Shri Rajivji is mahamantri of BHARAT SWABHIMAN TRUST and im verymuch follower of this.



So I want to know you that are you only sell online Rajivji's C.D. and books ? Are you conected the Andolan with another active ? I also send leter to your address But I dont know that you got it or not. Now I want to be an active part of this andolan and I want to give my whole life for this. Shri Rajivji offen says that now our nation need somuch Bhagatshinh and Chandrasekhar. I dont compare myself to that MAHAN KRANTIKARI, but I can do somuch.


So please reply me and please shaw me the path for this.


" ABHAR"


" JAY HIND " " VANDE MATARAM "

From,
D. K. Shukla.

Solution

Jai Hind Dear Dhananjay,

आज सुबह ही मुझे आप का पत्र मिला पत्र देखकर और यह ईमेल रीड करके मुझे बहुत खुशी हुई कि आप देश कि आजादी जो हमें बहुत ही difficulty से प्राप्त हुई है उस कि रक्षा के लिए आप हमें सहयोग देना चाहते हो आप जैसे कार्यकर्ताओ कि हमें बहुत जरुरत है

यदि आप हमारे साथ काम करना चाहते हो तो आप का स्वागत है पर यह रास्ता बहुत ही कठिन है आप तो जानते ही होंगे के राजीव दीक्षित जी ने आपना सारा जीवन देश भगती में ही गुजरने का फासला कर लिया है तथा उनोने शादी भी नहीं कि देश कि रक्षा को हो अपना मोक्ष समझते है

यदि आप या कोई भी राजीव दीक्षित के साथ काम करना चाहता है तो उस कि निम्न शर्ते है


१. आपने आप को पूरी तरह से सवदेशी बनाना होगो | मतलब कि विदेशी कपनियो का कोई भी सामान नहीं खरीदना है आप के गाव या शाहिर मे जो बनता है उसे ही खरीदना है मे भी इस ब्लोग के माद्यम से सब कुश सवदेशी बेचने कि तैयारी कर रहा हू सिर्फ भजने के खर्चे जियदा है पर राजीव दीक्षित के अनुसार हम को सहयोग करना है न कि प्रितियोग्यता |

२. आप अपने जान पहिचान के कुश लोगो को भी सवदेशी कि जानकर दो जो तुम जैसे विचार धारा के है जैसे मे राजपुरा ( पंजाब ) से तुम्हारे साथ काम करने के लिए तेयार हू

३. हमें अपने जीवन में भी बदलाव लाना होगा | आज से मे जूठ नहीं बोलूगा , बरम्चार्य का पालन करुगा , भारत के लिए जान देने के लिए तेयार रहूगा

कल मे एक देश भगत डाक्टर केशव हेडगेवार कि जीवनी पड़ रहा था तू पता लगा के उनोहोने अपना जीवन छोटे छोटे संगठन बना के देश कि सेवा कि आप बी अपने आस पास के लोगो को इकठा कर के संगठन बना सकते हो मे भी online पर काम कर रहा हू तथा आशा करता हो के बहुत जल्दी हर तरफ से देश भगती कि ही आवाजे आये गी

बंदे मातरम

विनोद कुमार


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